Astanga Hridaya PDF | अष्टांग हृदय पुस्तक पीडीऍफ़

दोस्तों अगर आप अष्टांग हृदय पुस्तक पीडीऍफ़ की तलाश में में इस पोस्ट पर आये है तो इस पोस्ट में हम आपको Astanga Hridaya PDF in Hindi उपलब्ध करवाने वाले है।

अष्टांग हृदय भारत में उत्पन्न होने वाली प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद पर एक व्यापक ग्रन्थ है जिसे एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक विद्वान “वाग्भट” द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया है।

अष्टांग हृदय को आयुर्वेद के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथो में से एक माना जाता है और दुनिया भर में आयुर्वेद के चिकित्सकों और छात्रों द्वारा इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

अगर आप भी इस ग्रन्थ को पढ़ना चाहते है तो इस पोस्ट को अच्छे से पूरा पढ़े और इस पोस्ट में बताये तरीके से अष्टांग हृदय पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते है।

Ashtang Hridaya PDF Details

Pdf Title अष्टांग हृदय
Category आयुर्वेद, चिकित्सा
Language हिंदी
Pdf Size 73 MB
Total Pages 387
Pdf Source pdfshiksha.com
Note - दोस्तों अगर आप अष्टांग हृदय ग्रन्थ को पीडीऍफ़ प्रारूप में डाउनलोड करना चाहते है तो ऊपर दिए गए Download बटन पर क्लिक करे। 

अष्टांग हृदय क्या है?

अष्टांग हृदय आयुर्वेद विज्ञान का सबसे पुराना ग्रन्थ है जिसमे आयुर्वेद चिकित्सा की पूरी जानकारी बताई गयी है जिसका इस्तेमाल आज भी दुनियाभर के डॉक्टर और छात्रों द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है।

अष्टांग हृदय पाठ को मुख्य रूप से छह खंडो या “स्थान” में विभाजित किया गया है जो की निम्न्लिखित है।

  1. सूत्र स्थान – इस खंड में कुल 30 अध्याय है और इसमें आयुर्वेद के मूल सिद्धांत और बुनियादी सिद्धांतो के बारे में बताया गया है।
  2. निदान स्थान – इस स्थान में 16 अध्याय शामिल है जिसमे विभिन्न प्रकार के रोगों के निदान और उपचार की जानकारी दी गयी है।
  3. सरीरा स्थान – इस खंड में 6 अध्याय शामिल है जो मानव शरीर की शारीरिक रचना और शरीर विज्ञान से सम्बंधित है।
  4. चिकित्सा स्थान – इस खंड में 22 अध्याय शामिल है जिसमे रोगो के उपचार सम्बंधित जानकारी दी गयी है।
  5. कल्प स्थान – इस खंड में 6 अध्याय शामिल है जो विभिन्न औषधियों की तैयारी से सम्बंधित है।
  6. सिद्धि स्थान – इस खंड में 40 अध्याय शामिल है जिसमे आयुर्वेद के अभ्यास के माध्यम से अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने की जानकारी दी गयी है।

इस प्रकार अष्टांग ह्रदय के उपरोक्त छह प्रकार है जिन्हे आयुर्वेद के विभिन्न क्षेत्र के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। अष्टांग हृदय के इन छह खंडो में कुल 120 अध्याय है और इन 120 अध्यायों में 7120 श्लोक शामिल है।

अष्टांग हृदय पाठ में स्पष्ट और संक्षिप्त भाषा का प्रयोग किया गया है जो इसे आयुर्वेद के चिकित्सकों और छात्रों के लिए आसान बनाता है।

अष्टांग हृदय में मुख्य रूप से आहार और पोषण, जीवन शैली की आदतों, हर्बल दवाओं और शल्य चिकित्सा की प्रक्रियाओं आदि विषयो की एक विस्तृत श्रंखला शामिल है साथ ही इस ग्रन्थ में विभिन्न रोगो और उनके उपचारो का विस्तृत विवरण भी शामिल है।

अष्टांग हृदय पीडीऍफ़ और इसके फायदे

अगर आप अष्टांग हृदय पाठ के ज्ञान को प्राप्त करना चाहते है तो इस पोस्ट में हम आपको अष्टांग हृदय पुस्तक पीडीऍफ़ उपलब्ध करवाने वाले है जिसे आप एक क्लिक में निःशुल्क डाउनलोड कर सकते है।

अष्टांग हृदय पीडीऍफ़ डाउनलोड इस ग्रन्थ को डिजिटल रूप में अपने मोबाइल और कंप्यूटर में सुरक्षित रख सकते है और किसी भी डिवाइस में एक्सेस कर सकते है वो भी बिना किसी इंटरनेट के।

अष्टांग हृदय पाठ काफी लम्बा है और इसमें आयुर्वेदिक सूचनाओं का काफी खजाना छुपा हुआ है इसलिए अगर आप इसे पीडीऍफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड करके पढ़ते है तो आपको सूचनाओं की खोज करना और आसान हो जाता है।

तो दोस्तों उम्मीद है आपको अब तक की जानकारी अच्छे से समझ में आ गयी होगी तो चलिए अब इस पोस्ट से सम्बंधित सवाल जवाब देख लेते है।

FAQs:-

अष्टांग हृदयम पुस्तक कहां मिलेगी?

अष्टांग हृदय पुस्तक बहुत से अलग अलग प्लेटफार्म पर उपलब्ध है जिसे आप ऑनलाइन आर्डर कर सकते है साथ ही अगर आप ऑनलाइन पीडीऍफ़ फॉर्मेट में इस पुस्तक को पढ़ना चाहते है तो इस पोस्ट में दिए डाउनलोड बटन से अष्टांग हृदय पुस्तक को डाउनलोड करके पढ़ सकते है।

Conclusion –

आशा करते है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी होगी और इस पोस्ट में साझा Astanga Hridaya PDF Download करने में कोई भी समस्या नहीं रही होगी।

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