किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योकि गणेश जी को प्रथम पूज्य का दर्जा दिया गया है और गणेश जी की पूजा करने से गणेश जी आपके काम में आने वाली प्रत्येक बाधा को दूर कर देते है।
इसलिए अगर आप भी कोई नया काम शुरू करने जा रहे है और चाहते है की आपके काम में कोई भी बाधा नहीं आये तो आपको गणेश जी की पूजा के साथ साथ उनकी आरती भी करनी होगी।
अगर आपको गणेश जी की आरती याद नहीं है तो इस पोस्ट में हम Ganesh Ji Ki Aarti PDF उपलब्ध करवाने वाले है जिसे आप बहुत ही आसानी से इस पोस्ट में बताये तरीके से एक क्लिक में डाउनलोड कर सकते है।
Ganesh Ji Ki Aarti Pdf Details
Pdf Title | गणेश जी की आरती पीडीऍफ़ |
Category | रिलिजन |
Language | हिंदी |
Pdf Size | 0.67MB |
Total Pages | 8 |
Pdf Source | pdfshiksha.com |
Note - अगर आप श्री गणेश जी की आरती हिंदी पीडीऍफ़ को फ्री में डाउनलोड करने के लिए कृपया ऊपर दिए Download बटन का इस्तेमाल करे।
गणेश जी की आरती पीडीऍफ़ क्या है
गणेश जी की आरती पीडीऍफ़ में श्री गणेश की पूरी आरती के लिरिक्स हिंदी भाषा में उपलब्ध करवाई गयी है जिसे आसानी से पढ़ा और याद किया जा सकता है।
यह पीडीऍफ़ खासकर उन लोगो के लिए महत्वपूर्ण होने वाली है जिसे गणेश जी की आरती लिरिक्स याद नहीं है वह इस पीडीऍफ़ को डाउनलोड करके बिलकुल फ्री में गणेश आरती याद कर सकते है।
गणेश जी की कोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी होती है और इसी कारण अगर आप गणेश जी की पूजा कर रहे है तो आपको गणेश जी की आरती भी करना आवश्यक है जिससे आपको और भी अधिक लाभ होगा और गणेश जी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।
गणेश जी की आरती का महत्त्व
महादेव शिव और माता पार्वती जी के पुत्र श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है और इसी कारण अक्सर आपने सुना होगा लोग किसी भी कार्य को शुरू करते समय कहते है की चलिए श्री गणेश करते है मतलब की शुरू करते है।
किसी भी कार्य को शुरू करने से पूर्व अगर गणेश जी की पूजा की जाती है तो आपके सभी काम सफल होते है और आपके कार्यो में आने वाली रुकावटों और बाधाओं को भगवान गणेश जी हर लेते है।
अगर आप श्री गणेश जी की पूजा और आरती करते है तो आपको मन चाहे फल की प्राप्ति होती है और आपके सभी रुके हुए काम बनने लग जाते है
गणेश जी की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि की भी वृद्धि होती है और आपके मार्ग में आने वाली सभी प्रकार के विध्यं और विपत्तियां दूर हो जाती है और इसीलिए गणेश जी को विध्यनहर्ता भी कहा जाता है।
गणेश जी की आरती लिरिक्स
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
Note – अगर आपको गणेश जी की पूरी आरती लिरिक्स चाहिए तो आप ऊपर दिए गए Download बटन पर क्लिक करके गणेश आरती लिरिक्स पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते है।
Conclusion –
उम्मीद है आपको हमारी यह पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी और इस पोस्ट में साझा Ganesh Ji Ki Aarti PDF in Hindi को Download करने में आपको कोई भी समस्या नहीं आयी होगी।
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