दोस्तों झाँसी की रानी को तो आप सभी जरूर जानते होंगे और इनके बारे में आपने पढ़ा भी होगा। आज की इस पोस्ट में हम आपको Jhansi Ki Rani Story in Hindi PDF उपलब्ध करवाने वाले है।
जब भी हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों की बात आती है तो उनमे एक नाम झाँसी की रानी भी आता है। झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई का बचपन का नाम मन्नू था। झाँसी की रानी की कहानी बहुत ही प्रेरणा देने वाली है और इसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति को जरूर जानना चाहिए।
अगर आपने अभी तक झाँसी की रानी की कहानी नहीं पढ़ी है तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी होने वाली है क्योकि इस पोस्ट में उपलब्ध Jhansi Ki Rani Kahani Pdf को डाउनलोड करके आसानी से पढ़ सकते है।
Jhansi Ki Rani Story in Hindi PDF Details
Pdf Title | झाँसी की रानी कहानी |
Category | कहानी |
Language | हिंदी |
Pdf Size | 37 MB |
Total Pages | 258 |
Pdf Source | pdfshiksha.com |
Note - अगर आप झाँसी की रानी "लक्ष्मी बाई" की कहानी हिंदी पीडीऍफ़ को डाउनलोड करना चाहते है तो कृपया ऊपर दिए गए Download बटन पर क्लिक करे।
झाँसी की रानी कौन थी?
महारानी लक्ष्मी बाई झाँसी राज्य की रानी थी। लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवम्बर 1828 को वाराणसी में हुआ था। लक्ष्मी बाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था। मणिकर्णिका को प्यार से मनु कहा जाता था।
इनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था और यह एक मराठा बाजीराव के सेवक थे। मनु के माता का नाम भागीरथी बाई था जो स्वभाव से बुद्धिमान और धर्मनिष्ठ स्वभाव की महिला थी।
सन 1842 में मणिकर्णिका का विवाह झाँसी के मराठा राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ और इस तरह वह झाँसी की रानी बनी और विवाह के बाद ही उनका नाम लक्ष्मी बाई रखा गया।
सन 1851 में रानी लक्ष्मी बाई ने एक पुत्री को जन्म दिया लेकिन चार महीने की उम्र में ही उसकी मृत्यु हो गयी। धीरे धीरे राव गंगाधर का स्वास्थ्य ख़राब रहने लगा और इसी कारण उन्हें दत्तक पुत्र गोद लेने की सलाह दी गयी और पुत्र गोद लेने के बाद सन 1853 में राजा गंगाधर की मृत्यु हो गयी।
राजा की मृत्यु होने के बाद ब्रिटिश सेना ने झाँसी का खजाना जब्त कर लिया और राज्य हड़प नीति के तहत झाँसी की रानी पर केस कर दिया लेकिन कुछ आपसी बहस के बाद इस केस को ख़ारिज भी कर दिया गया।
झाँसी की रानी ने मरते दम तक अंग्रेजो से हार नहीं मानी और झाँसी की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया और अंत में लड़ते लड़ते झाँसी की रानी की मृत्यु हो गयी।
अगर आप झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई की सम्पूर्ण जीवनी या कहानी पढ़ना चाहते है तो इस पोस्ट में उपलब्ध पीडीऍफ़ को डाउनलोड करके बिना इंटरनेट के भी झाँसी की रानी की पूरी कहानी अच्छे से पढ़ सकते है। चलिए अब इस पोस्ट से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण सवाल जवाब देख लेते है।
FAQs Related to Post
झांसी की रानी कहानी पीडीऍफ़ कैसे डाउनलोड करे?
झाँसी की रानी कहानी पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए आप इस पोस्ट में उपलब्ध Download बटन का इस्तेमाल कर सकते है।
झाँसी की रानी को मर्दानी क्यों कहा जाता है?
झाँसी की रानी ने वीर मर्दो की तरह वीरता दिखाई थी और अंग्रेजो से युद्ध किया था इसी कारण उन्हें मर्दानी कहा जाता है।
झाँसी की रानी का बचपन का क्या नाम था?
झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई का बचपन का नाम मणिकर्णिका था और प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था।
झाँसी की रानी के कितने पुत्र थे?
सन 1851 में झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई ने एक पुत्री को जन्म दिया था लेकिन मात्र चार महीने के भीतर ही उसकी मृत्यु हो गयी। उसके बाद झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई और राव गंगाधर ने एक पुत्र को गोद लिया जिसका नाम दामोदर रखा गया।
Conclusion –
तो दोस्तों उम्मीद करते है आपको हमारी यह पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी और इस पोस्ट में साझा Jhansi Ki Rani Story In Hindi PDF Download करने में आपको कोई भी समस्या नहीं रही होगी।
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