Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF | सम्भोग से समाधि तक ~ ओशो

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में डाई गए Download Link की सहायता से आसानी से फ्री में Download कर सकते है।

सम्भोग से समाधि तक नामक इस पुस्तक में मानव के सम्भोग से लेकर उसकी मृत्यु तक के जीवन का चित्रण किया गया है। इस पुस्तक की रचना ओशो द्वारा की गयी है। ओशो का मानना है कि सम्भोग किसी भी व्यक्ति के जीवन की प्रथम सीढ़ी है तथा समाधि उसके जीवन का अंतिम छोर है।

इस पोस्ट में हम आपको ओशो के विचारो पर आधारित सम्भोग से समाधि तक पुस्तक को Pdf फॉर्मेट में उपलब्ध करवाए जा रहे है, साथ ही ओशो के प्रेम के प्रति क्या विचार है, ओशो के अनुसार सम्भोग से समाधि तक की यात्रा क्या है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने वाले है।

यदि आप ओशो की इस पुस्तक के बारे में विस्तार से जानना चाहते है, तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।

Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF Details

PDF Title Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF
Language Hindi
Category Book
PDF Size
Total Pages
Download LinkAvailable

NOTE- यदि आप Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF Free Download करना चाहते है तो नीचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करे। 

Sambhog Se Samadhi Tak पुस्तक के बारे में

इस पुस्तक को कुछ वाक्यों में बया नहीं किया जा सकता। यह पुस्तक पूर्णतया एक अलग सिद्धांत पर आधारित है। यदि आप इस पुस्तक की जड़ो को गहराईता से जानना चाहते है तो इस पुस्तक को आप एक बार पूरा अवश्य पढ़े।

हमारे धर्म-गुरुओ और पथ-निर्देशक ने सदैव ही उस चीज को परदे के पीछे रखा, जो प्रेम का प्राथमिक बिंदु है। ओशो ने प्रेम का प्राथमिक बिंदु सेक्स को बताया है। साथ ही ओशो का मानना है कि वह व्यक्ति कभी भी प्यार नहीं कर सकता है, जो अपने जीवन में सदैव ही सेक्स से घृणा करता है।

ओशो के अनुसार मनुष्य के सम्भोग से समाधि तक की इस यात्रा रूपी जीवन का मार्ग एक सेतु द्वारा जुड़ा हुआ है। ओशो को कही-कही पर माँ और बेटे में आध्यात्मिक सेक्स की मौजूदगी नजर आती है तो कही उसे दो पति पत्नी के बीच पत्नी माँ के रूप और पति बच्चे के रूप में दिखाई देता है।

ओशो का मानना है कि काम को तेजी से समाप्त करने के बजाय उसे लम्बा खींचने की जरूरत होती है। ओशो के अनुसार समाधि से तात्पर्य परमात्मा से मिलन पर परम् आनंद की अनुभूति से है, तो वही दूसरी ओर समाधि के समतुल्य ही सम्भोग क्रिया के दौरान भी व्यक्ति को आनंद की प्राप्ति है।

Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF | Summary

युवक और यौन

एक कहानी से मै अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। उसका नाम था नसरुद्दीन, जो कि एक मुसलमान फ़क़ीर था। एक दिन साँझ के समय अपने घर से बहार निकला था, किन्ही मित्रो से मिलने के लिए। द्वारा पर ही बचपन एक साथी घोड़े पर से उतरा। बीस वर्षो बाद वह मित्र उसे मिला था।

वे दोनों गले मिल गए। नसरुद्दीन ने उसे गले मिलने के बाद कहा कि तुम ठहरो थोड़ी देर मैंने किसी को वचन दिया है उससे मिलकर वापस लोटता हूँ। उस मित्र ने कहा तुम्हे छोड़ने का मेरा मन नहीं है, वर्षो बाद तो हम दोनों मिले है, उचित होगा कि मै भी तुम्हारे साथ ही चलू।

रस्ते में तुम्हे देखूंगा भी और तुमसे बात भी करूँगा। लेकिन मेरे कपडे सारे धूल से भरे है। ाचा होगा यदि तुम्हारे पास दूसरे कपडे हो तो मुझे दे दो। फ़क़ीर ने एक सूंदर कपडे की जोड़ जिसके अंतर्गत एक बहुत ही सूंदर कोट था, जिसे उसे बादशाह ने भेंट किया था, अपने दोस्त के लिए बहार ले आया।

मित्र ने जल्दी ही उन कपड़ो को पहन लिया। जब मित्र कपडे पहन रहा था तो उसने सोचा कि यह तो भूल हो गयी। क्योकि इतने सूंदर कपडे पहन कर वह मित्र तो सम्राट मालूम पड़ने लगा। नसरुद्दीन उसके सामने एक भिखारी मालूम पड़ने लगा। रास्ते में लोग मित्र की तरफ ही देखेंगे, जिसके कपडे अच्छे थे।

जिनके घर ले जाऊंगा वे तो इसके कपडे की तरफ ही देखेंगे। क्योकि हमारे आँखे इतनी अंधी है कि सिवाय कपड़ो के और कुछ देखती भी नहीं। लेकिन फिर उसे ख्याल आया कि मेरा प्यारा मित्र है वर्षो के बाद आया है, क्या मै अपने कपड़ो को भी उसे नहीं दे सकता हूँ, क्या रखा है कपड़ो में ?

अपने आप को समझता हुआ चला, लेकिन रस्ते में साड़ी नजरे उसके मित्र पर अटक गयी थी। रास्ते मे जिसने भी देखा वह गौर से देखने लगा। वह मित्र बड़ा सूंदर मालुम पड़ रहा था। जब भी कोई उसके मित्र को देखता था, उसे चोट लगती थी कि कपडे मेरे है और देखा मित्र को जा रहा है। फिर अपने आप को समझता है कि कपडे क्या किसी के होते है?

FAQs :Sambhog Se Samadhi Ki or in Hindi 

Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF Free Download कैसे करें?

यदि आप सम्भोग से समाधि तक पुस्तक Pdf फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड लिंक पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

समाधि के कितने अंग हैं?

समाधि के कुल आठ आंग है। इन आठ अंगो का पालन किये बिना कोई भी व्यक्ति योगी नहीं बन सकता।

8 योग सूत्र कौन से हैं?

आठ योग सूत्र – (1)यम (2)नियम (3)आसन (4) प्राणायाम (5)प्रत्याहार (6)धारणा (7) ध्यान (8)समाधि

इस पोस्ट में Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही ओशो के प्रेम के प्रति विचारों पर प्रकाश डाला गया है। उम्मीद करते है कि Osho Sambhog Se Samadhi Pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

आशा करते है कि यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Sambhog Se Samadhi Pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही Sambhog Se Samadhi Osho Pdf को अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी अपने जीवन में सम्भोग से समाधि तक के इस चक्रव्यूह के बारे में विस्तार से जान सकें।

Download More PDF :-

Leave a Comment