नमस्कार दोस्तों, अगर आप भी सोमवार का व्रत रखते है तो आज की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है क्योकि इस पोस्ट में हम आपको Somvar Vrat Katha PDF का डायरेक्ट Download Link उपलब्ध करवाने वाले है।
सोमवार का व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन लोगो द्वारा महादेव को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखा जाता है और शिवजी की पूजा की जाती है।
सोमवार व्रत कथा एक ऐसी कहानी है जिसे व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा करने के बाद सुनाया जाता है। माना जाता है की सोमवार व्रत कथा कहानी की उत्त्पति स्कंद पुराण से हुई है जो एक हिन्दू धार्मिक ग्रंथ है।
अगर आप भी सोमवार का व्रत करते है तो आपको सोमवार व्रत कथा भी अवश्य करनी चाहिए जिसमे इस व्रत के महत्त्व को स्पष्ट किया गया है। अगर आपके पास श्रावण सोमवार व्रत कथा पुस्तक उपलब्ध नहीं है तो आप इस पोस्ट के माध्यम से 16 सोमवार व्रत कथा हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते है।
Somvar Vrat Katha PDF Details
Pdf Title | सोमवार व्रत कथा |
Category | Religion |
Language | हिंदी |
Pdf Size | 18 MB |
Total Pages | 76 |
Pdf Source | pdfshiksha.com |
उपरोक्त सारणी में सोलह सोमवार व्रत कथा पीडीऍफ़ से सम्बंधित सामान्य जानकारी उपलब्ध करवाई गयी है साथ ही नीचे Somvar Vrat Katha PDF in Hindi Download Link दिया गया है।
Note - दोस्तों निःशुल्क Sawan Somvar Vrat Katha in Hindi Pdf Download करने के लिए कृपया ऊपर दिए गए Download बटन का इस्तेमाल करे।
सोमवार व्रत कथा PDF | कथा महत्त्व
सोमवार व्रत कथा एक लोकप्रिय अनुष्ठान है जो भारत के साथ साथ नेपाल और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है की सोमवार का व्रत करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और वह आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त कर सकता है।
बहुत से लोगो द्वारा श्रावण मास के सोमवार व्रत रखे जाते है वही कई लोग वैशाख के सोमवार का भी व्रत करते है। ऐसा माना जाता है यदि कुंवारी कन्याएं 16 सोमवार का व्रत करती है तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
सोमवार का व्रत करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा नहीं रहती है और व्यक्ति को उसके सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
सोमवार व्रत कथा कहानी हिंदी में
सोमवार व्रत कथा से सम्बंधित एक कहानी प्रचलित है। माना जाता है की सोमवार व्रत कथा की कहानी कीर्ति नामक एक गरीब ब्राम्हण की है जो भगवान शिव के भक्त थे।
एक दिन जब कीर्ति मंदिर जा रहा था तो उसने रास्ते में एक गर्भवती महिला को देखा जो बच्चे को जन्म देने वाली थीं। उस ग़रीब ब्रम्हाण ने उस गर्भवती महिला की मदद करने की कोशिश की और इसी दौरान उसे एहसास हुआ की वह महिला कोई साधारण महिला नहीं बल्कि कुछ देवी पार्वती थी और कीर्ति ने देवी के जिस बच्चे को जन्म देने में मदद की थी वो भगवान कार्तिकेय थे।
कीर्ति की भक्ति और दया भाव से प्रसन्न होकर देवी पार्वती ने उन्हें वरदान दिया। कीर्ति ने देवी पार्वती से धन माँगा, लेकिन देवी ने उससे कहा की धन अस्थायी है और तुम्हारे जीवन में दुःख ला सकता है इसलिए तुम हर सोमवार को सोमवार का व्रत करो जिससे आपकी सभी मनोवांछित इच्छाएं पूर्ण का आशीर्वाद दिया।
उसके बाद वह ब्राह्मण घर लौट आया और प्रत्येक सोमवार का व्रत रखने लगा और पूजा करने लगा। समय के साथ कीर्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती गयी और वह अमीर और समृद्ध हो गया लेकिन उसने अपनी दयालुता और उदारता नहीं छोड़ी और जरुरतमंद लोगो की मदद करता रहा।
इस प्रकार सोमवार व्रत कथा की कहानी मुख्य रूप से भक्ति, दया और दृढ़ता महत्त्व को दर्शाती है साथ ही इससे हमे यह भी सिखने को मिलता है की भौतिक धन अस्थायी है और आध्यात्मिक पूर्ति अधिक महत्वपूर्ण है।
सोमवार व्रत कथा से सम्बंधित एक और कहानी है निम्न्लिखित है –
एक बार एक शहर में एक बहुत ही धनी व्यापारी था जिसका कारोबार दूर-दूर तक के शहरो में फैला हुआ था और आप पास के सभी शहरवासी उसका बहुत ही आदर-सम्मान करते थे।
लेकिन फिर भी वह व्यापारी बहुत दुःखी रहता था क्योकि उसके कोई भी संतान नहीं थी और उसे चिंता थी की उसके बाद उसके व्यापार को कौन संभालेगा।
पुत्र प्राप्ति के लिए वह व्यक्ति हर सोमवार का व्रत रखता था और शिवजी की पूजा करता और रोज शिवजी के मंदिर में जाकर घी का दीया जलाता था।
उस व्यापारी की इस भक्ति को देखकर माता पार्वती प्रसन्न हुई और माता ने भगवान महादेव शिव से उस व्यापारी की इच्छा पूर्ण करने का अनुरोध किया।
लेकिन भगवान शिव ने कहा की इस पृथ्वी पर सभी जीवो को उसके द्वारा किये गए कर्मो के आधार पर ही फल की प्राप्ति होती है लेकिन माता पार्वती भोलेनाथ के इतना समझाने के बाद भी उस व्यापारी की इच्छा पूरी करने की गुहार करती रही और अंत में शिवजी को माता की विनती को मानना पड़ा और उस व्यापारी को पुत्र प्राप्ति का वरदान देना पड़ा।
भगवान शिवजी ने माता से कहा की में व्यापारी को पुत्र प्राप्ति का वरदान तो दे रहा हूँ लेकिन यह 16 वर्ष से अधिक जीवित नहीं रहेगा। भगवान शिव ने उसी रात उस व्यापारी के सपने में आकर उसे पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया और 16 वर्ष तक ही जीवित रहने की बात की बताई।
पुत्र प्राप्ति का वरदान पाकर व्यापारी काफी खुश हो गया लेकिन अगले ही पल अपने पुत्र की कम आयु तक ही जीवित रहने की बात को सोचकर पुनः दुखी हो गया।
कुछ ही महीनों बाद उस व्यापारी के घर एक सुन्दर पुत्र ने जन्म लिया और घर में खुशियों का माहौल आ गया लेकिन व्यापारी अब भी पुत्र जन्म से खुश नहीं था क्योकि वह पुत्र की अल्पायु के रहस्य को जानता था।
धीरे धीरे पुत्र जब 12 वर्ष का हुआ तो उस व्यापारी ने उसे पढ़ने के लिए इसे अपने मामा के घर भेज दिया। जैसे ही बालक की आयु 16 वर्ष की हुई उसकी मृत्यु हो गयी। बालक की मृत्यु की खबर सुनकर उसके मामा को बहुत ही दुख हुआ और वह जोर जोर से रोने लगा।
माता पार्वती ने जब उस व्यक्ति को रोते हुए देखा तो उसे उसका दुःख देखा नहीं गया और उससे भगवान शिव से उस बालक को जीवित करने के लिए अनुरोध किया।
माता पार्वती के बहुत अनुरोध करने पर शिवजी ने बालक को पुनः जीवित कर दिया। बालक के पुनः जीवित होते ही उसके परिवार में एक बार पुनः खुशियों का माहौल छा गया।
पुत्र के पुनः जीवित होने की खबर सुनकर व्यापारी भी ख़ुशी से झूमने लगा। उसी रात भगवान शिव ने उस व्यक्ति को पुनः सपने में दर्शन दिए और कहा की मेने तुम्हारे भक्तिभाव और तुम्हारे द्वारा किये गए व्रत से प्रसन्न होकर तुम्हारे पुत्र को लम्बी आयु का वरदान दिया।
इस प्रकार शास्त्रों में भी कहा गया है की यदि कोई व्यक्ति सोमवार का व्रत रखता है और कथा करता है तो भगवान शिव उसके सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है।
Somvar Vrat Puja Vidhi | सोमवार व्रत कथा विधि
अगर आप सही विधिपूर्वक सोमवार का व्रत करते है और भगवान शिव की पूजा करके कथा करते है तो आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठे और स्नान और नित्यक्रमों से मुक्त होकर अच्छे कपडे पहने।
- गाय के शुद्ध कच्चे दूध को शिवलिंग पर अर्पित करे। ऐसा करने से मनुष्य के तन-मन-धन से जुडी सभी परेशानिया दूर होती है।
- इसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाये।
- उसके बाद कपूर, इत्र, धतूरे-पुष्प और भस्म से शिवजी का अभिषेक करके शिवजी की आरती करे।
- सोमवार के व्रत में सफेद रंग का बहुत महत्त्व होता है इसलिए व्रत वाले दिन सफेद कपडे धारण करे।
- अगर आप सच्ची श्रद्धा से पूजा करते है तो भगवान एक जल के लौटे से भी खुश हो जाते है।
- सोमवार की पूजा करने से व्यक्ति की सम्पूर्ण इच्छाएं पूर्ण होती है। रोजगार, सुख-समृद्धि और मनचाहे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
- शिवजी की पूजा करने के बाद सोमवार की कथा करे।
- कथा के पूर्ण होने पर शिवजी की आरती करे।
- आरती करने के बाद प्रसाद को छोटे बच्चो और अन्य लोगो में वितरण करे।
इस प्रकार आप सोमवार का व्रत रखकर और शिवजी की पूजा करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते है और अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करवा सकते है।
Conclusion –
उम्मीद करते है आपको हमारी यह पोस्ट Somvar Vrat Katha PDF जरूर पसंद आयी होगी और इस पोस्ट में साझा सोमवार व्रत कथा सम्बंधित जानकारी और व्रत कथा पीडीऍफ़ आपके लिए बहुत ही उपयोगी रहे होंगे।
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